दवैर की लड़ाई
वर्ष 1582, दवैर की लड़ाई परमवीर महाराणा प्रताप की छोटी सी सेना और एक लाख से अधिक नफ़री वाली मुगल सेना के बीच हुई थी। इस हार के पश्चात मुगलों ने कभी महाराणा प्रताप से टकराने की हिम्मत नहीँ की। 1576 का हल्दीघाटी युद्घ हारने के पस्चात, महाराणा के सिर्फ 7000 सैनिक ही बचे थे परंतु महाराणा ने सिर्फ 6 वर्ष पश्चात ही दशहरा के दिन मुगलों पर आक्रमण कर दिया और मुगलों को खदेड़ दिया। इस युद्ध में 36000 मुगल सैनिकों को पकड़ लिया गया था । उससे पहले लाखों की सैन्य शक्ति वाले 6 मुगल हमलों को विफल किया था। हल्दीघाटी में हारने के बाद भी महाराणा प्रताप ने कभी भी मुगलों को शान्ति से नहीं बैठने दिया था। 1582 के दवैर के विजयादशमी पर किये आक्रमण मे राणा ने अकबर की विशाल सेना को हराकर राजस्थान की सभी चौकियों को वापस छीन लिया था और फिर करीब 20 वर्ष तक महाराणा प्रताप का राज्य था इस भूभाग पर। आज महाराणा प्रताप की जयंती पर उन्हें गर्व के साथ नमन करता हूँ।
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